अरुण जेतली : 2017 के अन्त में रूस और भारत सँयुक्त सैन्याभ्यास करेंगे
26 अप्रैल को भारत के कार्यवाहक रक्षामन्त्री अरुण जेतली ने अन्तरराष्ट्रीय सुरक्षा के सवाल पर मस्क्वा (मास्को) में हो रहे एक सम्मेलन में कहा कि 2017 के आख़िर में रूस और भारत की सेनाएँ सँयुक्त रूप से सैन्याभ्यास करेंगी, जिनमें सेना के तीनों अंगों के जवान भाग लेंगे। यह जानकारी समाचार समिति रिया नोवस्ती ने दी है।
अरुण जेतली ने कहा — इस साल के आख़िर में रूस और भारत ऐसा अनूठा सैन्याभ्यास करेंगे, जिसमें सेना के तीनों अंग भाग लेंगे। यह सैन्याभ्यास वास्तव में ऐतिहासिक महत्व का होगा।
उन्होंने ज़ोर दिया कि रूस और भारत की सेनाएँ पहली बार इस तरह का सँयुक्त सैन्याभ्यास करने जा रही हैं।
रूस और भारत की थलसेनाएँ और नौसेनाएँ नियमित रूप से सँयुक्त सैन्याभ्यास करती रही हैं, लेकिन दो देशों की वायुसेनाओं ने सिर्फ़ 2014 में ही सँयुक्त रूप से सैन्याभ्यास किया था।
मार्च 2017 में वायुसेना समस्या अध्ययन केन्द्र के मानद सदस्य और भारतीय वायुसेना के पूर्व मेजर-जनरल मनमोहन बहादुर ने रूस-भारत संवाद से कहा था कि रूस और भारत की वायुसेनाओं को भी नियमित रूप से सँयुक्त सैन्याभ्यास करने चाहिए।
मेजर-जनरल मनमोहन बहादुर ने कहा था — रूस और भारत नियमित रूप से सँयुक्त थलसैनिक और नौसैनिक अभ्यास करते हैं, लेकिन वायुसैनिक अभ्यास नहीं करते। और ऐसा तब होता है, जब भारत की वायुसेना में रूसी मिग-21, मिग-23, मिग-27 और एसयू-30 विमानों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है।
सैन्याभ्यास ’इन्द्र-नेवी-2016’